Health Fitness Tips For Men

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

मर्दों के लिए सेहत की सच्ची समझ: खुद का ख्याल क्यों ज़रूरी है?

Health Fitness Tips For Men: अक्सर हम तब तक अपनी सेहत के बारे में नहीं सोचते, जब तक कोई बड़ी बीमारी दरवाज़े पर दस्तक नहीं देती। लेकिन अगर हम चाहें तो पहले से ही कुछ आसान कदम उठाकर खुद को गंभीर बीमारियों से बचा सकते हैं।

“स्वस्थ क्यों रहें?”
इस सवाल का जवाब बहुत सीधा है। ह्यूस्टन मेथोडिस्ट की डायटीशियन नुबियन गैटलिन कहती हैं, “जब हम खुद का ख्याल रखते हैं, तो हमारी ज़िंदगी की क्वालिटी बढ़ती है। हम ज़्यादा जोश के साथ वो सब कर पाते हैं जो हमें पसंद है — और वो भी लंबे समय तक।”

ह्यूस्टन मेथोडिस्ट के हेल्थ फिटनेस कोऑर्डिनेटर जोनाथन विलियम्स भी यही बात दोहराते हैं। उनके मुताबिक, पुरुष अक्सर अपनी सेहत को उतनी अहमियत नहीं देते जितनी देनी चाहिए।
“अगर आप दुनिया में मौत के टॉप 10 कारणों को देखेंगे, तो पुरुषों की मौत की दरें महिलाओं के मुकाबले ज़्यादा होती हैं,” विलियम्स बताते हैं। “मगर ऐसा होना ज़रूरी नहीं है। अगर हम थोड़ी सी समझदारी दिखाएं, तो हार्ट डिज़ीज़, डायबिटीज़, स्ट्रोक और लिवर से जुड़ी बीमारियों का खतरा काफी हद तक कम किया जा सकता है।”

अगर एक मर्द सच में स्वस्थ रहना चाहता है, तो उसे इन बुनियादी बातों पर ध्यान देना चाहिए:
✔️ शरीर में हार्मोन का सही संतुलन रखना
✔️ रोज़ाना शारीरिक रूप से सक्रिय रहना
✔️ संतुलित और पोषण से भरपूर खाना खाना
✔️ दिल की सेहत का खास ख्याल रखना

सेहत का असली मंत्र क्या है?
फिटनेस और सही खान-पान ही इन सबका मूल है। गैटलिन और विलियम्स दोनों इस बात पर जोर देते हैं कि अगर हम इन दो चीज़ों को अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में अपना लें, तो लंबी और अच्छी ज़िंदगी पाना बिल्कुल मुमकिन है।

1. टेस्टोस्टेरोन: पुरुषों की सेहत का छुपा हुआ राजा

बहुत कम लोग जानते हैं कि टेस्टोस्टेरोन सिर्फ एक हार्मोन नहीं, बल्कि पुरुषों की सेहत का एक अहम स्तंभ है। ह्यूस्टन मेथोडिस्ट की डायटीशियन गैटलिन के अनुसार, “टेस्टोस्टेरोन वो एंड्रोजेन हार्मोन है जो शरीर में बालों की बढ़त, मांसपेशियों की ताकत, यौन इच्छा, शुक्राणु उत्पादन, हड्डियों की मज़बूती और शरीर में फैट के सही वितरण को नियंत्रित करता है।”

लेकिन उम्र के साथ, खासतौर पर 30 से 40 साल के बीच, शरीर में टेस्टोस्टेरोन का स्तर धीरे-धीरे कम होने लगता है। यह गिरावट एक सामान्य प्रक्रिया है, मगर कई बार हमारी खुद की गलत आदतें इस गिरावट को और तेज़ कर देती हैं।

टेस्टोस्टेरोन कम होने के आम कारण:

  • ज्यादा वजन, खासकर पेट के आसपास चर्बी जमा होना
  • शारीरिक निष्क्रियता, यानी एक्सरसाइज़ ना करना
  • गलत खान-पान, जिसमें पोषण की कमी हो
  • अत्यधिक शराब का सेवन
  • कुछ बीमारियां, जैसे बिना इलाज की स्लीप एप्निया या अनियंत्रित डायबिटीज़

अगर आप इन कारणों पर समय रहते ध्यान देंगे, तो टेस्टोस्टेरोन का स्तर लंबे समय तक सही बनाए रखना मुमकिन है।

और हाँ, अगर आपको कमजोरी, थकान, कम यौन इच्छा या मांसपेशियों में गिरावट जैसे लक्षण महसूस हों — तो देर ना करें, तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। जल्दी पहचान और सही इलाज से आप फिर से खुद को एनर्जेटिक और फिट महसूस कर सकते हैं।

2. अपने शरीर के प्रकार को पहचानिए: हर काया की अपनी कहानी होती है

कभी आपने किसी ऐसे व्यक्ति को देखा है जो ज्यादा वर्कआउट नहीं करता, लेकिन फिर भी उसकी बॉडी बिल्कुल बॉडीबिल्डर जैसी लगती है? और कभी-कभी कोई ऐसा भी दिखता है जो रोज़ जिम जाता है, लेकिन उसकी मेहनत का असर उतना दिखता नहीं।
ह्यूस्टन मेथोडिस्ट के फिटनेस कोऑर्डिनेटर विलियम्स कहते हैं, “ये फर्क असल में हमारे शरीर के प्राकृतिक ढांचे यानी बॉडी टाइप की वजह से होता है।”

आमतौर पर पुरुषों के शरीर तीन प्रकार के होते हैं:

  1. एक्टोमॉर्फ (Ectomorph) – ये लोग प्राकृतिक रूप से दुबले-पतले होते हैं, इनके शरीर में ज्यादा चर्बी या मांसपेशियां नहीं होतीं।
  2. मेसोमॉर्फ (Mesomorph) – इनका शरीर संतुलित होता है, बाहों और पैरों में प्राकृतिक ताकत होती है, मांसपेशियां आसानी से बनती हैं।
  3. एंडोमॉर्फ (Endomorph) – इनका शरीर सामान्य से थोड़ा भारी होता है, हड्डियां चौड़ी होती हैं, कमर और कूल्हे भी सामान्य से चौड़े होते हैं, और ये लोग आसानी से वजन बढ़ा लेते हैं।

क्यों ज़रूरी है अपने बॉडी टाइप को जानना?

जब आपको पता होता है कि आपका शरीर किस प्रकार का है, तो आप अपने फिटनेस गोल्स और एक्सरसाइज़ प्लान बेहतर तरीके से चुन सकते हैं।
विलियम्स कहते हैं, “इसका मतलब ये बिल्कुल नहीं कि एक्टोमॉर्फ वाले लोग मांसपेशियां नहीं बना सकते — बिल्कुल बना सकते हैं। और एंडोमॉर्फ वाले लोग हमेशा मोटे ही रहेंगे — ऐसा भी नहीं है।”

असल बात ये है कि हर किसी का शरीर अलग है, हर किसी का मेटाबॉलिज़्म अलग है। खुद की तुलना किसी ऐसे इंसान से करना जिसका शरीर आपसे पूरी तरह अलग बना हो, ये खुद के साथ नाइंसाफी है।

खुद को समझिए, अपनी बॉडी को अपनाइए, और अपने लिए सही रास्ता चुनिए।

3. शारीरिक गतिविधि: सेहत की असली चाबी

अगर आप सच में सेहतमंद रहना चाहते हैं तो आपको अपने जीवन में फिजिकल एक्टिविटी यानी शारीरिक गतिविधि को जगह देनी ही होगी। एक्सरसाइज़ सिर्फ बॉडी बनाने या वजन घटाने के लिए नहीं होती — इसके फायदे इससे कहीं ज्यादा गहरे हैं।

एक्सरसाइज़ करने से आपको क्या फायदे मिलते हैं?

  • वजन को काबू में रखना
  • ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल लेवल को सही रखना
  • हार्ट डिज़ीज़, टाइप 2 डायबिटीज़, मेटाबॉलिक सिंड्रोम और कुछ प्रकार के कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा कम होना
  • हड्डियां और मांसपेशियां मजबूत बनती हैं
  • मानसिक सेहत में सुधार होता है
  • शरीर की मूवमेंट बेहतर होती है, जॉइंट्स में दर्द कम होता है
  • लंबी उम्र जीने के मौके बढ़ जाते हैं

एक्सरसाइज़ के लिए समय जरूर निकालें।
आम सिफारिश है कि हफ्ते में कम से कम 2 से 3 दिन फिजिकल एक्टिविटी करें और कुल मिलाकर हफ्ते में 150 मिनट एक्सरसाइज़ का लक्ष्य रखें।

ह्यूस्टन मेथोडिस्ट के फिटनेस कोऑर्डिनेटर विलियम्स बताते हैं, “खासतौर पर रेसिस्टेंस ट्रेनिंग यानी वज़न उठाने वाले व्यायाम बेहद फायदेमंद होते हैं। ये आपके पेट के अंदर की खतरनाक चर्बी (विसरल फैट) को कम करता है, जो शरीर के लिए काफी नुकसानदायक होती है।”
इसके अलावा, इस तरह की एक्सरसाइज़ से पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का स्तर भी बढ़ता है, जो पूरी सेहत और एनर्जी के लिए फायदेमंद है।

याद रखिए:

शरीर को चलाइए, ताकत बढ़ाइए, और जिंदगी को बेहतर बनाइए।

4. स्वस्थ वजन बनाए रखना: सिर्फ वजन नहीं, कमर का माप भी है जरूरी

जब बात वजन की आती है, तो सिर्फ किलो की गिनती करना काफी नहीं होता। गैटलिन खासतौर पर इस बात पर जोर देती हैं कि असली खतरा शरीर में कहां फैट जमा हो रहा है।
वो कहती हैं, “हमें सबसे ज्यादा चिंता पेट के आसपास जमा होने वाली चर्बी की होती है।”

क्यों खतरनाक है पेट की चर्बी?

जिसे हम आम भाषा में बेली फैट कहते हैं, असल में वही विसरल फैट होता है। यह सिर्फ बाहर से दिखने वाला फैट नहीं है, यह शरीर के अंदर, अंगों के आसपास जमा हो जाता है और धीरे-धीरे शरीर में ऐसे हार्मोन और केमिकल छोड़ता है जो हार्ट डिजीज़, टाइप 2 डायबिटीज़ और कई दूसरी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं।

कैसे रखें पेट का फैट कंट्रोल में?

सबसे पहला और सबसे जरूरी कदम है — संतुलित और सही खानपान।
गैटलिन का मानना है कि आजकल भले ही मार्केट में ढेरों फैशनेबल डाइट्स आ गई हैं, लेकिन असल में सबसे असरदार तरीका है — मेडिटेरेनियन डाइट अपनाना।

ये कोई कड़ी डाइट नहीं, बल्कि एक खानपान की आसान और टिकाऊ आदत है जिसमें आप ये चीजें ज़रूर शामिल करें:
✔️ ताज़े फल और सब्जियां
✔️ साबुत अनाज
✔️ हेल्दी फैट्स जैसे जैतून का तेल और नट्स
✔️ मछली और पौधे आधारित प्रोटीन को मांस से ज़्यादा तरजीह देना

गैटलिन कहती हैं, “मेडिटेरेनियन डाइट में मांस खाने से मना नहीं है, लेकिन कोशिश ये रहे कि मछली और प्लांट प्रोटीन आपकी थाली में ज़्यादा जगह लें।”

याद रखिए:

सिर्फ वजन कम करना ही काफी नहीं है, पेट की चर्बी से भी छुटकारा पाना सेहत के लिए जरूरी है।

5. प्रोटीन: मर्दों के लिए सेहत का असली ईंधन

प्रोटीन सिर्फ एक न्यूट्रिएंट नहीं है, ये आपके शरीर का वो अहम हिस्सा है जो अंदर से आपको मजबूत बनाता है। जब हम प्रोटीन खाते हैं, तो ये शरीर में जाकर एमिनो एसिड्स में टूटता है। ये छोटे-छोटे अणु हमारे शरीर में कई ज़रूरी काम करते हैं — जैसे मांसपेशियों को मजबूत रखना, शरीर के ऊतकों को बनाना (जिसमें बालों की ग्रोथ भी शामिल है), और शरीर में न्यूट्रिएंट्स को सही जगह तक पहुंचाना।

गैटलिन बताती हैं, “हर आदमी को रोज़ाना कितनी प्रोटीन चाहिए, ये उसके वजन पर निर्भर करता है।” लेकिन वो इसे ज्यादा मुश्किल नहीं बनाना चाहतीं, इसलिए उनका आसान सुझाव है —
“हर मील में लगभग 20 से 40 ग्राम प्रोटीन खाने की कोशिश करें। ज्यादातर पुरुषों के लिए 25 ग्राम प्रति मील काफी होता है।”

प्रोटीन कहाँ से लें? सबसे अच्छे स्रोत:

✔️ बिना चमड़ी वाला चिकन ब्रेस्ट
✔️ बीफ या पोर्क के टेंडरलॉइन कट्स (कम फैट वाले हिस्से)
✔️ मछली
✔️ लो-फैट डेयरी प्रोडक्ट्स (जैसे दही, दूध)
✔️ सोया प्रोडक्ट्स (जैसे टोफू)
✔️ दालें, मटर और चने
✔️ नट्स और बीज (जैसे बादाम, सूरजमुखी के बीज)
✔️ कुछ साबुत अनाज (जैसे क्विनोआ और होल व्हीट पास्ता)

ध्यान रखें:

आपको महंगे प्रोटीन पाउडर की जरूरत नहीं है। सही, ताजे और हल्के खाने से भी आप अपनी प्रोटीन ज़रूरत पूरी कर सकते हैं। रोज़ाना अपने हर खाने में थोड़ा-थोड़ा प्रोटीन शामिल करें और अपनी सेहत को मजबूत आधार दें।

6.एक्सरसाइज़ में रुकावटें: पहचानिए और दूर करिए

कई बार हमें पता होता है कि हमें कितनी एक्सरसाइज़ करनी चाहिए, लेकिन असल ज़िंदगी में हम इसे कर नहीं पाते।
विलियम्स कहते हैं, “ऐसे बहुत से कारण होते हैं जो लोगों को एक्टिव रहने से रोकते हैं — जैसे समय की कमी, वर्कआउट करने का मन न होना, जिम या पार्क जैसी जगहों की कमी या कभी-कभी खराब मौसम।”

अगर आप भी अक्सर इन वजहों से अपनी फिटनेस छोड़ देते हैं, तो घबराइए मत। यहां कुछ आसान टिप्स हैं, जो इन रुकावटों को हटा सकते हैं:

एक्सरसाइज़ की बाधाएं हटाने के स्मार्ट तरीके:

✔️ वर्कआउट कपड़े हमेशा पास रखें — चाहे ऑफिस में हों या कार में, ताकि जब भी मौका मिले, बिना सोचे फटाफट शुरू कर सकें।
✔️ म्यूजिक या ऑडियोबुक का सहारा लें — अपने मनपसंद गानों की प्लेलिस्ट बनाइए या कोई दिलचस्प पॉडकास्ट सुनिए, इससे वर्कआउट का मजा दुगना हो जाएगा।
✔️ बिना जिम के भी एक्टिव रह सकते हैं — लंबी वॉक, हल्की दौड़ या घर पर बॉडीवेट एक्सरसाइज़ (जैसे स्क्वैट्स, पुश-अप्स) करें। इसके लिए किसी महंगे इक्विपमेंट की जरूरत नहीं।
✔️ घर के अंदर भी वर्कआउट कर सकते हैं — अगर बाहर मौसम सही नहीं है या जिम दूर है, तो घर में ही वज़न रहित एक्सरसाइज़ करें या रेसिस्टेंस बैंड और डम्बल में थोड़ा निवेश करें।

याद रखिए:

रुकावटें सबकी ज़िंदगी में आती हैं, फर्क सिर्फ इतना है कि आप उन्हें बहाना बनाते हैं या रास्ता निकालते हैं।

7. मीठा कम करिए: आपकी सेहत के लिए जरूरी कदम

अक्सर हमें लगता है कि बस वजन कम करना ही काफी है, लेकिन असली खतरा छिपा होता है शुगर और रिफाइंड कार्ब्स के ज़्यादा सेवन में।
गैटलिन बताती हैं, “रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स, खासकर जो शुगर से भरे होते हैं, पुरुषों के टेस्टोस्टेरोन लेवल को कम कर सकते हैं।”
अगर इनका ज्यादा सेवन किया जाए तो ये वजन बढ़ाने के साथ-साथ हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल और टाइप 2 डायबिटीज़ जैसी बीमारियों का भी रास्ता खोल सकते हैं।

कितना मीठा है ज्यादा?

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन का कहना है कि पुरुषों को एक दिन में 36 ग्राम से ज्यादा शुगर नहीं लेनी चाहिए।

अब कोल्ड ड्रिंक, बिस्किट, केक, और चॉकलेट में तो मीठा होने का अंदाज़ा सबको होता है, लेकिन कुछ ऐसे भी फूड्स हैं जिनमें शुगर छिपी होती है और हम ध्यान नहीं देते, जैसे:
✔️ एनर्जी ड्रिंक्स
✔️ कॉफी ड्रिंक्स (फ्लेवर्ड या क्रीमी कॉफी)
✔️ कुछ ब्रेकफास्ट सीरियल्स (यहां तक कि जो ‘हेल्दी’ कहलाते हैं)
✔️ केचप और दूसरी चटनी-टाइप चीजें
✔️ कुछ सलाद ड्रेसिंग्स

गैटलिन सलाह देती हैं, “मीठे के ऐसे छिपे हुए स्रोतों पर खास ध्यान दें, क्योंकि दिनभर में ये शुगर धीरे-धीरे जुड़ती जाती है और पता भी नहीं चलता।”
जब भी कोई पैकेट वाला खाना लें, उसके न्यूट्रिशन लेबल में कार्बोहाइड्रेट सेक्शन देखें — वहीं आपको बताया जाएगा कि उसमें ‘एडेड शुगर’ कितनी है।

याद रखिए:

मीठे पर थोड़ा ब्रेक लगाइए, सेहत में लम्बी रेस जीतिए।

8. फाइबर को दें पहली प्राथमिकता: छोटी सी आदत, बड़ी सेहत

अक्सर हम हेल्दी खाने की बात करते हैं, लेकिन फाइबर की बात लगभग नजरअंदाज हो जाती है।
अमेरिकन सोसाइटी फॉर न्यूट्रिशन के मुताबिक, हर दिन सिर्फ 5% पुरुष ही पर्याप्त मात्रा में फाइबर लेते हैं।

गैटलिन कहती हैं, “ये चिंता की बात है, क्योंकि फाइबर सिर्फ पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने के लिए नहीं, बल्कि ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखने और कई और सेहत से जुड़ी चीजों के लिए बेहद जरूरी है।”

कितनी फाइबर होनी चाहिए?

पुरुषों को रोज़ाना 25 से 38 ग्राम फाइबर लेने की सलाह दी जाती है।

फाइबर के बेहतरीन स्रोत:

✔️ साबुत अनाज (जैसे ओट्स, ब्राउन राइस, क्विनोआ)
✔️ बिना स्टार्च वाली सब्जियां (जैसे पालक, ब्रोकोली, गाजर)
✔️ ताज़े फल
✔️ नट्स और बीज (जैसे बादाम, फ्लैक्स सीड्स, सूरजमुखी के बीज)

गैटलिन की आसान सलाह:

“शुरुआत के लिए बस इतना करें कि रोज़ अपने खाने में एक कप बिना स्टार्च वाली सब्जी जोड़ें।”
जैसे-जैसे आप फाइबर की मात्रा बढ़ाएंगे, एक बात ज़रूर याद रखें —
शरीर में पानी की कमी ना होने दें।
क्योंकि फाइबर को सही तरीके से पचाने और इस्तेमाल करने के लिए शरीर को पर्याप्त पानी की जरूरत होती है।

याद रखिए:

थोड़ी सी फाइबर, ढेर सारी सेहत — बस consistency चाहिए।

9. बैठे रहने की आदत छोड़िए: चलने-फिरने की आदत बनाइए

आज के दौर में ज़्यादातर पुरुषों की जिंदगी कुर्सी पर बैठे-बैठे बीतती है। ऑफिस में घंटों काम करना, फिर घर आकर सोफे पर टीवी या मोबाइल — ये आदतें धीरे-धीरे हमारी सेहत पर बड़ा असर डालती हैं।

विलियम्स कहते हैं, “हमारा शरीर चलने-फिरने के लिए बना है, लंबे समय तक लगातार बैठना पुरुषों में हाई ब्लड प्रेशर, टाइप 2 डायबिटीज़, मोटापा और कई दूसरी बीमारियों का खतरा बढ़ा देता है।”

बैठे रहने की आदत से कैसे बाहर आएं? विलियम्स की आसान टिप्स:

✔️ हर घंटे एक छोटा ब्रेक लें। बस 2-5 मिनट के लिए खड़े हो जाएं, थोड़ा टहलें या स्ट्रेचिंग करें।
✔️ डेस्क पर बैठकर भी हल्की स्ट्रेचिंग करें या ऑफिस के आसपास एक छोटा चक्कर लगाएं।
✔️ लिफ्ट की जगह सीढ़ियों का चुनाव करें, जब भी मुमकिन हो।
✔️ स्क्रीन टाइम सीमित करें, और अगर टीवी या मोबाइल देख रहे हों तो बीच-बीच में खड़े होकर टहलें।
✔️ सोने से पहले हल्का स्ट्रेचिंग जरूर करें, इससे शरीर लचीला रहेगा और जॉइंट्स का दर्द भी कम होगा।
✔️ अगर आपको इस आदत को बदलने में परेशानी हो रही हो तो फिटनेस ट्रेनर या डॉक्टर से सलाह लें।

याद रखिए:

बैठने से सेहत बंध जाती है, चलने से जिंदगी खुल जाती है।

छोटी-छोटी एक्टिव आदतें आपको बड़ी बीमारियों से बचा सकती हैं।

10. खूब पानी पीजिए और शराब की मात्रा पर ध्यान दीजिए

हमारे शरीर में बहुत से ज़रूरी काम पानी की मदद से ही पूरे होते हैं। गैटलिन कहती हैं, “पानी पीना सिर्फ प्यास बुझाने के लिए नहीं है। पानी आपके दिल को सही तरीके से खून पंप करने में मदद करता है, शरीर का तापमान कंट्रोल करता है और पाचन को भी ठीक रखता है।”

कितनी पानी की जरूरत होती है?

पुरुषों को हर दिन कम से कम 13 कप (लगभग 3 लीटर) पानी पीने की सलाह दी जाती है।
लेकिन ये मात्रा उम्र, शरीर की सेहत, आपकी एक्सरसाइज़ की आदत और जो दवाइयाँ आप ले रहे हैं — इन सब पर भी निर्भर करती है। इसीलिए खुद को हाइड्रेट रखना एक आदत बना लीजिए, चाहे मौसम कोई भी हो।

शराब का मामला:

विलियम्स चेतावनी देते हैं, “शराब पीने में समझदारी और संतुलन जरूरी है।”
अगर आप शराब पीते हैं, तो हमेशा अपनी सेहत का ख्याल रखते हुए लिमिट में रहें। ज्यादा शराब आपके शरीर, दिमाग और लंबे समय की सेहत पर बुरा असर डाल सकती है।

याद रखिए:

पानी आपकी सेहत का दोस्त है और शराब संतुलन में ही ठीक है।
अगर आप हर दिन पानी की सही मात्रा लेते हैं और शराब में संयम रखते हैं, तो आपकी सेहत मजबूत और एक्टिव बनी रहेगी।

11. आपके खाने में विटामिन और मिनरल्स पूरे हैं या नहीं?

क्या आपका शरीर वो सभी ज़रूरी पोषक तत्व ले रहा है जो उसे चाहिए?
गैटलिन कहती हैं, “अगर आप संतुलित और हेल्दी डाइट लेते हैं, तो शरीर को ज़्यादातर जरूरी विटामिन और मिनरल्स मिल जाते हैं। लेकिन पुरुषों को खासतौर पर दो चीजों पर ध्यान देना चाहिए — मैग्नीशियम और जिंक।”

ये दोनों पोषक तत्व शरीर में बहुत से जरूरी काम करते हैं, लेकिन सबसे अहम बात ये है कि ये टेस्टोस्टेरोन लेवल को भी हेल्दी बनाए रखने में मदद करते हैं।
इसके अलावा, मैग्नीशियम और जिंक बालों की अच्छी ग्रोथ और इम्यून सिस्टम को मजबूत रखने में भी मददगार हैं।
मैग्नीशियम मांसपेशियों को ताकतवर और फिट बनाए रखने में भी खास भूमिका निभाता है।

मैग्नीशियम के बेहतरीन स्रोत:

✔️ कद्दू और चिया के बीज
✔️ काले चने (ब्लैक बीन्स)
✔️ केले
✔️ बादाम
✔️ हरी पत्तेदार सब्जियां (जैसे पालक)

जिंक के अच्छे स्रोत:

✔️ बीफ या चिकन के कम फैट वाले हिस्से
✔️ साबुत अनाज (जैसे क्विनोआ, ओट्स और ब्राउन राइस)
✔️ कद्दू, हेम्प और तिल के बीज

याद रखिए:

सही डाइट, सही पोषण — तभी शरीर भीतर से मजबूत रहेगा।
अगर आप हर दिन थोड़ी-थोड़ी मात्रा में ये फूड्स शामिल करते हैं तो आपको अलग से सप्लीमेंट्स की भी जरूरत नहीं पड़ेगी।

12. हर साल हेल्थ चेकअप करवाइए: सेहत को नजरअंदाज मत करिए

अक्सर हम तब तक डॉक्टर के पास नहीं जाते जब तक बीमारी बहुत बढ़ न जाए। लेकिन सच तो ये है कि सेहत को बनाए रखने के लिए समय-समय पर डॉक्टर से मिलना बहुत ज़रूरी है।

सिर्फ बीमार होने पर ही डॉक्टर के पास जाना काफी नहीं है। आपका सालाना हेल्थ चेकअप आपकी डाइट, आपकी एक्सरसाइज़ और आपकी पूरी लाइफस्टाइल का सही मूल्यांकन करने का मौका देता है। सालाना चेकअप में आपके डॉक्टर ये जरूरी जांचें करते हैं:

✔️ आपके ब्लड प्रेशर और दूसरी जरूरी वाइटल्स की जांच
✔️ आपके दिल और फेफड़ों की सुनवाई
✔️ ब्लड टेस्ट और स्क्रीनिंग — ताकि हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज जैसी बीमारियों को समय रहते पकड़ा जा सके
✔️ आपको ज़रूरी अन्य हेल्थ टेस्ट्स की याद दिलाना
✔️ आपकी मानसिक सेहत की स्थिति को भी समझना

क्यों जरूरी है रेगुलर चेकअप?

क्योंकि अगर कोई समस्या समय रहते पकड़ ली जाए तो दवाई या बड़ी इलाज की जरूरत भी नहीं पड़ती।
उदाहरण के लिए, पुरुषों में एक गंभीर बीमारी है — प्रोस्टेट कैंसर।
गैटलिन बताती हैं, “अमेरिका में पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर दूसरी सबसे आम कैंसर बीमारी है। 50 साल की उम्र के बाद हर पुरुष को इसकी स्क्रीनिंग जरूर करवानी चाहिए। लेकिन कुछ पुरुषों को ये टेस्ट इससे पहले भी करवा लेना चाहिए।”

प्रोस्टेट कैंसर स्क्रीनिंग कब करवानी चाहिए?

  • 50 साल की उम्र में — अगर आप सामान्य जोखिम में हैं
  • 45 साल की उम्र में — अगर आप अफ्रीकी-अमेरिकन हैं या आपके करीबी रिश्तेदार को 65 साल से पहले प्रोस्टेट कैंसर हुआ है
  • 40 साल की उम्र में — अगर आपके परिवार में कई करीबी रिश्तेदारों को 65 साल से पहले प्रोस्टेट कैंसर हुआ है

आपका जातीय समूह, उम्र, पारिवारिक इतिहास और आपकी लाइफस्टाइल — ये सब प्रोस्टेट कैंसर के रिस्क को प्रभावित कर सकते हैं।

याद रखिए:

सेहत का सबसे अच्छा इलाज है समय रहते उसकी देखभाल करना।
हर साल का हेल्थ चेकअप आपकी जिंदगी को लंबा और बेहतर बना सकता है।

13. स्ट्रेस को संभालना सीखिए: दिमाग को भी सेहत चाहिए

अक्सर पुरुषों के लिए अपनी भावनाओं के बारे में खुलकर बात करना मुश्किल होता है। अगर आप भी ऐसे हैं, तो कम से कम खुद से ईमानदारी से ये पूछिए — “क्या मैं अपनी सेहत और अपने मन की हालत को प्राथमिकता दे रहा हूँ?”

विलियम्स कहते हैं, “अगर आप खुद का ख्याल नहीं रख रहे हैं, तो छोटे-छोटे माइक्रो गोल्स बनाइए और धीरे-धीरे वहां तक पहुँचिए।”
स्ट्रेस को मैनेज करना सिर्फ मन का मामला नहीं है — ये शरीर को भी सीधा असर करता है। जब आप तनाव में रहते हैं, तो शरीर में ऐसे हार्मोन बनते हैं जो पेट के अंदर खतरनाक चर्बी (विसरल फैट) जमा करने लगते हैं।

गैटलिन बताती हैं कि स्ट्रेस का सबसे बड़ा दुश्मन है — कोर्टिसोल।
ये वही हार्मोन है जो ना सिर्फ फैट बढ़ाता है, बल्कि शरीर में टेस्टोस्टेरोन का उत्पादन भी रोक देता है।

तो स्ट्रेस कम करने के आसान तरीके क्या हैं?

✔️ कोई ऐसा शौक अपनाइए जो आपको शांति दे।
✔️ रेगुलर एक्सरसाइज़ करें।
✔️ सोने से पहले धीरे-धीरे स्ट्रेचिंग करें और दिनभर की भागदौड़ से खुद को थोड़ा ब्रेक दें।
✔️ मेडिटेशन या ध्यान लगाने की आदत डालें।

विलियम्स कहते हैं, “हमें स्ट्रेस से बाहर निकलने और दिमाग को फिर से तरोताज़ा करने के अपने तरीके ढूंढने चाहिए।”

याद रखिए:

शरीर जितना मजबूत चाहिए, मन उतना ही शांत चाहिए।
अगर दिमाग स्वस्थ रहेगा, तो पूरा शरीर फिट और खुश रहेगा।

14. हेल्दी फैट्स को पहचानिए: फैट से डरने की जरूरत नहीं है

अक्सर लोग ये सोचते हैं कि फैट यानी चर्बी खाना सेहत के लिए नुकसानदायक होता है, लेकिन ये पूरी तरह सही नहीं है।
गैटलिन कहती हैं, “हमें फैट से बचना नहीं चाहिए, बल्कि सही फैट चुनना चाहिए। हमें हेल्दी अनसैचुरेटेड फैट्स खाने चाहिए, सैचुरेटेड यानी नुकसानदायक फैट्स से दूरी बनानी चाहिए।”

क्यों जरूरी हैं हेल्दी फैट्स?

हेल्दी फैट्स न सिर्फ आपके दिल के लिए अच्छे हैं, बल्कि ये टेस्टोस्टेरोन बनाने में भी बहुत जरूरी भूमिका निभाते हैं, जो पुरुषों की सेहत और ताकत के लिए बेहद जरूरी हार्मोन है।

हेल्दी फैट्स के अच्छे स्रोत:

✔️ एवोकाडो
✔️ जैतून का तेल (ऑलिव ऑयल)
✔️ सैल्मन, ट्राउट और टूना जैसी मछलियां
✔️ ऑइल-बेस्ड सलाद ड्रेसिंग्स
✔️ बादाम, मूंगफली और पेकान नट्स
✔️ कद्दू और तिल के बीज

याद रखिए:

हर फैट खराब नहीं होता, फर्क सिर्फ इतना है कि आपको कौन-सा फैट खाना है।
हेल्दी फैट्स आपकी सेहत का दोस्त हैं — इन्हें अपनी डाइट में जरूर शामिल करें।

15. केगेल एक्सरसाइज़: सिर्फ महिलाओं के लिए नहीं, पुरुषों के लिए भी फायदेमंद

अक्सर लोग मानते हैं कि केगेल एक्सरसाइज़ (Kegels) सिर्फ महिलाओं के लिए होती हैं, लेकिन ये सोचना गलत है।
पुरुषों के लिए भी पेल्विक फ्लोर की सेहत उतनी ही जरूरी है।

गैटलिन बताती हैं, “पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज़ जैसे केगेल्स पुरुषों के लिए फायदेमंद होती हैं क्योंकि ये उन मांसपेशियों को मजबूत बनाती हैं जो पेशाब को कंट्रोल करने में मदद करती हैं।”

केगेल एक्सरसाइज़ पुरुषों के लिए कैसे फायदेमंद हैं?

✔️ पेशाब पर बेहतर कंट्रोल मिलता है।
✔️ ओवरएक्टिव ब्लैडर (बार-बार पेशाब लगना) की समस्या में सुधार होता है।
✔️ प्रोस्टेट सर्जरी के बाद यूरिन लीक (इनकॉन्टिनेंस) का खतरा कम होता है।
✔️ कुछ पुरुषों में यौन स्वास्थ्य (sexual function) बेहतर होता है।

याद रखिए:

केगेल एक्सरसाइज़ करना न शर्म की बात है, न सिर्फ महिलाओं की चीज।
यह एक आसान, लेकिन बेहद असरदार तरीका है जो आपकी पेल्विक सेहत, पेशाब कंट्रोल और यौन सेहत को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।

निष्कर्ष:-

स्वस्थ और फिट रहना किसी एक दिन का काम नहीं है, यह एक निरंतर प्रक्रिया है। पुरुषों के लिए फिटनेस न केवल शरीर को मजबूत बनाती है, बल्कि मानसिक संतुलन और आत्मविश्वास भी बढ़ाती है। नियमित व्यायाम, संतुलित आहार, पर्याप्त नींद और तनाव प्रबंधन – ये सभी आदतें आपके जीवन को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। अगर आप छोटी-छोटी चीजों पर ध्यान देना शुरू कर दें, जैसे रोज़ाना थोड़ा वक़्त अपने शरीर के लिए निकालना, तो आप निश्चित रूप से एक स्वस्थ और सक्रिय जीवन जी सकते हैं। याद रखिए, आपका स्वास्थ्य आपकी सबसे बड़ी संपत्ति है।

FAQ:-

पुरुषों के लिए फिटनेस क्यों जरूरी है?

फिटनेस पुरुषों के लिए इसलिए जरूरी है क्योंकि यह शरीर को तंदुरुस्त रखती है, मांसपेशियों को मजबूत बनाती है और हृदय रोग, मोटापा, डायबिटीज जैसी बीमारियों से बचाती है। साथ ही, फिट रहने से आत्मविश्वास भी बढ़ता है।

पुरुषों को रोजाना कितने समय तक व्यायाम करना चाहिए?

आम तौर पर पुरुषों को सप्ताह में कम से कम 5 दिन, रोजाना 30 से 45 मिनट तक व्यायाम करना चाहिए। इसमें कार्डियो, वेट ट्रेनिंग और स्ट्रेचिंग शामिल होनी चाहिए।

क्या सिर्फ जिम जाना ही फिट रहने का तरीका है?

नहीं, फिट रहने के लिए जरूरी नहीं कि आप जिम ही जाएं। आप घर पर योग, पुश-अप्स, दौड़ना, साइकिल चलाना जैसे एक्सरसाइज भी कर सकते हैं। फिटनेस का मुख्य मंत्र है- नियमित व्यायाम और सक्रिय जीवनशैली।

पुरुषों के लिए कौन-सा डाइट प्लान सही होता है?

पुरुषों को प्रोटीन, फाइबर, अच्छे कार्ब्स, हरी सब्जियां और पर्याप्त पानी का सेवन करना चाहिए। तली-भुनी चीजें, अधिक मीठा और जंक फूड से बचना चाहिए।

क्या फिट रहने के लिए सप्लीमेंट जरूरी है?

अगर आपकी डाइट संतुलित और पोषण से भरपूर है तो सप्लीमेंट जरूरी नहीं है। लेकिन अगर आपके शरीर को किसी खास तत्व की कमी हो तो डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट लिया जा सकता है।

क्या उम्र बढ़ने के बाद भी फिट रहना संभव है?

बिल्कुल, उम्र कोई बाधा नहीं है। सही एक्सरसाइज, डाइट और पॉजिटिव माइंडसेट से किसी भी उम्र में फिट रहा जा सकता है। उम्र के अनुसार वर्कआउट का तरीका थोड़ा बदलना चाहिए।

Leave a Comment