
Products For Low Porosity Hair
Products For Low Porosity Hair: हर इंसान के बाल अलग होते हैं — उनकी बनावट, जरूरतें और देखभाल का तरीका भी। अगर आप चाहते हैं कि आपके बाल सेहतमंद, मुलायम और चमकदार दिखें, तो सबसे पहले ये समझना जरूरी है कि आपके बालों की पोरॉसिटी क्या है। पोरॉसिटी का मतलब होता है बालों का नमी को सोखने और उसे बनाए रखने की क्षमता। अब बात करें लो पोरॉसिटी हेयर की तो इसमें बाल नमी को आसानी से सोख नहीं पाते, क्योंकि बालों की ऊपरी परत यानी क्यूटिकल काफी टाइट बंद होती है।
इसका नतीजा ये होता है कि प्रोडक्ट्स या तेल बालों पर बैठ जाते हैं, लेकिन भीतर तक नहीं जा पाते। इससे बाल ड्राय और बेजान लग सकते हैं, जबकि असल में वो सिर्फ गलत देखभाल का शिकार होते हैं। अच्छी बात ये है कि अगर आप सही तकनीक और प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें, तो लो पोरॉसिटी बाल भी सॉफ्ट, हेल्दी और खूबसूरत बन सकते हैं।
इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कैसे ऐसे बालों को पहचानें उनकी देखभाल कैसे करें, और कौन-से हेयर केयर प्रोडक्ट्स आपके लिए सबसे बेहतर होंगे। क्योंकि जब आप अपने बालों की ज़रूरतों को समझते हैं तभी वो सबसे खूबसूरत नज़र आते हैं।
लो पोरॉसिटी हेयर क्या होता है? चलिए इसे आसान भाषा में समझते हैं।
हमारे बालों में एक खास परत होती है जिसे क्यूटिकल लेयर कहा जाता है। यही परत तय करती है कि बाल नमी और पोषण को कितना सोखते हैं और कितनी देर तक उसे रोककर रखते हैं। इसे ही हेयर पोरॉसिटी कहा जाता है।
अब अगर बात करें लो पोरॉसिटी बालों की, तो इनमें क्यूटिकल्स बहुत टाइट और करीब-करीब बंद होते हैं। इसका मतलब ये है कि बाहर से आने वाली नमी, तेल या हेयर प्रोडक्ट्स बालों के अंदर तक नहीं पहुंच पाते। एक तरह से बाल खुद को बाहरी चीज़ों से बचाने के लिए एक मज़बूत कवच बना लेते हैं। ये सुरक्षा कवच तो अच्छा है, लेकिन इसका नुकसान ये है कि फायदेमंद इंग्रीडिएंट्स भी बालों के भीतर नहीं जा पाते।
नतीजा? बाल अक्सर ड्राय महसूस होते हैं, प्रोडक्ट्स का बिल्ड-अप स्कैल्प पर जमने लगता है, और हेयर केयर रूटीन असर नहीं दिखाता। लो पोरॉसिटी हेयर को समझना इसलिए जरूरी है, ताकि आप इसे सही तरीके से संभाल सकें और बालों को वो पोषण दे सकें जिसकी उन्हें वाकई जरूरत है।
क्या आपके बाल लो पोरॉसिटी वाले हैं? चलिए कुछ आसान तरीकों से पहचानते हैं।
अक्सर हम बालों को लेकर तरह-तरह के प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करते रहते हैं, लेकिन असली ज़रूरत है यह जानने की कि हमारे बालों को वाकई क्या चाहिए। अगर आपको अपने बालों की पोरॉसिटी समझनी है, तो इन संकेतों पर ध्यान दें:
1. पानी की बूंदें बालों पर ठहर जाएं: जब आप बालों को गीला करते हैं और पानी की बूंदें बालों के ऊपर ही बैठ जाती हैं — बिना सोखे — तो ये साफ़ संकेत है कि आपके बालों की पोरॉसिटी कम है।
2. हेयर प्रोडक्ट्स ऊपर ही रह जाएं: अगर ऑयल, सीरम या कंडीशनर लगाने के बाद भी बालों में चिपचिपाहट या भारीपन महसूस होता है, तो इसका मतलब है कि वो बालों में समा नहीं पा रहे हैं। लो पोरॉसिटी बाल ऐसा ही करते हैं।
3. सूखने में वक़्त लगना: ऐसे बाल पानी को जल्दी सोखते नहीं हैं इसलिए धोने के बाद इन्हें सूखने में ज़्यादा समय लगता है।
अगर इनमें से दो या तीन बातें आपके बालों पर फिट बैठती हैं तो समझिए कि आपको लो पोरॉसिटी हेयर केयर की ज़रूरत है। आगे जानिए कैसे करें ऐसे बालों की सही देखभाल।
अपनी कम पोरोसिटी को नियंत्रित करने के लिए सुझाव
1. लो पोरॉसिटी बालों को चाहिए हल्के, लेकिन असरदार प्रोडक्ट्स।

अगर आपके बाल हर बार ऑयल या क्रीम लगाने के बाद भारी लगते हैं, तो समझिए कि आपको अपनी हेयर केयर रूटीन में बदलाव की ज़रूरत है। ऐसे बाल पहले से ही बहुत कम नमी को अंदर जाने देते हैं, और अगर आप हेवी ऑयल्स या थिक क्रीम्स लगाते हैं, तो वो बस बालों की सतह पर ही बैठ जाते हैं — जिससे चिपचिपाहट और बिल्ड-अप की समस्या बढ़ जाती है।
इसलिए लो पोरॉसिटी बालों के लिए वॉटर-बेस्ड, हल्के और जल्दी अब्ज़ॉर्ब होने वाले प्रोडक्ट्स सबसे बेहतर होते हैं। जैसे एलोवेरा, ग्लिसरीन और हाइड्रोलाइज़्ड प्रोटीन वाले इंग्रीडिएंट्स — ये बालों में बिना वजन डाले नमी भर देते हैं।
Pilgrim का 3% Redensyl + 4% Anagain Hair Growth Serum इस कैटेगरी में एक बेहतरीन चॉइस है। यह न सिर्फ हल्का है, बल्कि बालों को बिना किसी बिल्ड-अप के गहराई से हाइड्रेट करता है। इसकी खास बात है इसका Redensyl और Anagain कॉम्प्लेक्स, जो बालों की ग्रोथ को नेचुरल तरीके से बूस्ट करता है।
अगर आप लो पोरॉसिटी हेयर के लिए सही प्रोडक्ट की तलाश में हैं, तो यह सीरम एक परफेक्ट एडिशन हो सकता है आपकी डेली हेयर केयर में।
2. जब बात लो पोरॉसिटी बालों की हो, तो डीप कंडीशनिंग अकेले काफी नहीं — थोड़ी सी गर्माहट कमाल कर सकती है।

ऐसे बालों की सबसे बड़ी मुश्किल यही होती है कि वो प्रोडक्ट्स को अंदर तक नहीं जाने देते। इसका हल? हीट का स्मार्ट इस्तेमाल।
जब आप डीप कंडीशनर लगाते हैं, तो सीधे बाद में एक प्लास्टिक शावर कैप पहन लें। फिर, बालों को हल्की गर्मी दें — चाहे हुडेड ड्रायर से हो या फिर हेयर स्टीमर से। बस 15-20 मिनट की स्टीम से बालों के क्यूटिकल्स हल्के से खुल जाते हैं, और कंडीशनर अंदर तक जाकर अपना असर दिखा पाता है।
इस तरीके से न सिर्फ बालों को गहराई से पोषण मिलता है, बल्कि वो और भी सॉफ्ट, शाइनी और मैनेजेबल बनते हैं। हाँ, एक बात का ध्यान ज़रूर रखें — हीट ज़रूरत से ज़्यादा न हो। बहुत ज़्यादा गर्मी बालों को नुकसान पहुंचा सकती है और ड्रायनेस बढ़ा सकती है।
तो अगली बार जब डीप कंडीशनिंग करें, तो उसे एक मिनी-स्पा ट्रीटमेंट बना दीजिए — थोड़ी गर्माहट के साथ, और देखिए कैसे आपके लो पोरॉसिटी बाल जान में जान पाते हैं।
3. लो पोरॉसिटी बालों में मॉइस्चर पहुँचाना किसी चुनौती से कम नहीं होता — लेकिन तरीका सही हो, तो रिज़ल्ट ज़रूर मिलता है।

ऐसे बाल पानी और प्रोडक्ट्स को आसानी से अंदर नहीं जाने देते। इसलिए, अगर आप चाहते हैं कि आपके बाल सच में पोषण लें और सॉफ्ट बनें, तो एक सिंपल लेकिन असरदार ट्रिक अपनाएं: प्रोडक्ट्स को गीले बालों पर लगाएं, लेकिन ध्यान रहे — बाल पूरी तरह भीगे न हों, बस हल्के से डैम्प हों।
शैम्पू करने के बाद बालों को तौलिये से रगड़ने की बजाय, एक माइक्रोफाइबर टॉवल या पुराने कॉटन टी-शर्ट से हल्के हाथों से ब्लॉट करें। इससे बालों का फ्रिज़ भी कम होगा और वो थोड़ा नम बने रहेंगे। यही वह समय होता है जब बालों की क्यूटिकल्स थोड़ी खुली होती हैं — और यही मौका है जब सीरम, कंडीशनर या लीव-इन प्रोडक्ट्स सबसे अच्छी तरह अब्ज़ॉर्ब होते हैं।
जब आप हल्के, वाटर-बेस्ड हेयर प्रोडक्ट्स को नम बालों पर लगाते हैं तो नमी बालों में लॉक हो जाती है और वो लंबे समय तक हाइड्रेटेड रहते हैं। यही स्मार्ट तरीका है लो पोरॉसिटी हेयर को हेल्दी और शाइनी बनाए रखने का।
4. अगर आपके बाल लो पोरॉसिटी वाले हैं और जल्दी ड्राय हो जाते हैं, तो एक सिंपल लेकिन असरदार तरीका है — LOC मेथड।

ये तीन स्टेप्स वाला हेयर केयर फॉर्मूला नमी को बालों में परत दर परत लॉक कर देता है, जिससे बाल लंबे समय तक हाइड्रेटेड और हेल्दी रहते हैं।
L – Liquid (लिक्विड): सबसे पहले किसी वॉटर-बेस्ड लीव-इन कंडीशनर या हेयर मिस्ट से शुरुआत करें। ये बालों की क्यूटिकल को हल्का खोलता है और बाकी प्रोडक्ट्स के लिए रास्ता बनाता है।
O – Oil (ऑयल): अब बारी है एक हल्के तेल की। आर्गन ऑयल या ग्रेपसीड ऑयल जैसी लाइट ऑयल्स नमी को लॉक करने का काम करती हैं, बिना बालों को चिपचिपा बनाए।
C – Cream (क्रीम): अंत में एक हल्की क्रीम लगाएं जो पूरी नमी को सील कर दे। ध्यान रखें कि भारी क्रीम्स से बचें, क्योंकि ये लो पोरॉसिटी बालों में बिल्ड-अप कर सकती हैं।
LOC मेथड का मकसद है — नमी को अंदर ले जाना, लॉक करना और बरकरार रखना। अगर आप इसे अपने रूटीन में शामिल करते हैं, तो आपके बाल न सिर्फ हेल्दी दिखेंगे, बल्कि महसूस भी वैसा ही होगा — मुलायम, मैनेजेबल और मॉइस्चर से भरपूर।
5. बालों को मज़बूती देने के लिए प्रोटीन ज़रूरी होता है — लेकिन हर बाल को एक जैसा ट्रीटमेंट नहीं चाहिए। खासकर अगर आपके बाल लो पोरॉसिटी वाले हैं, तो ज्यादा प्रोटीन देना उल्टा असर कर सकता है।

ऐसे बालों की क्यूटिकल लेयर पहले से ही टाइट और क्लोज़ होती है, जिससे वो बाहरी चीज़ों को अंदर कम ही जाने देती है। जब आप बार-बार प्रोटीन ट्रीटमेंट्स का इस्तेमाल करते हैं, तो प्रोटीन बालों की बाहरी परत पर ही जमा होने लगता है। इससे बाल कड़े, रूखे और टूटने वाले हो सकते हैं।
इसलिए अगर आपके हेयर केयर रूटीन में कई प्रोडक्ट्स शामिल हैं — जैसे शैम्पू, कंडीशनर, मास्क या लीव-इन — तो उनमें प्रोटीन वाले इंग्रीडिएंट्स को अलग-अलग इस्तेमाल करें और बीच में अंतराल रखें। साथ ही, ऐसे प्रोडक्ट्स चुनें जिनमें हाइड्रोलाइज़्ड प्रोटीन बहुत कम मात्रा में हो, क्योंकि ये छोटे कणों के रूप में होते हैं और बालों में आसानी से समा जाते हैं।
याद रखिए, लो पोरॉसिटी बालों को संतुलन चाहिए — ज़रूरत से ज़्यादा प्रोटीन नहीं, बल्कि सही मात्रा में और सही तरीके से।
6. हर बाल को एक जैसा तेल या बटर नहीं सूट करता — खासकर लो पोरॉसिटी बालों को।

अक्सर लोग नारियल तेल या शीया बटर जैसे हेवी इंग्रीडिएंट्स का इस्तेमाल करते हैं, जो हाई पोरॉसिटी बालों के लिए तो बढ़िया होते हैं, लेकिन लो पोरॉसिटी बालों के लिए ये उल्टा असर कर सकते हैं।
ऐसे बाल पहले ही बाहर से आने वाली चीज़ों को कम अंदर लेते हैं। जब आप हैवी ऑयल्स या बटर लगाते हैं, तो वो बालों की सतह पर ही जम जाते हैं — जिससे बाल चिपचिपे, भारी और गंदे से महसूस होने लगते हैं। ऊपर से बिल्ड-अप की वजह से स्कैल्प भी क्लॉग हो सकता है।
इसलिए हल्के और जल्दी अब्ज़ॉर्ब होने वाले तेल चुनना ज़रूरी है। आर्गन ऑयल, जोजोबा ऑयल या ग्रेपसीड ऑयल लो पोरॉसिटी बालों के लिए बेहतरीन विकल्प हैं — ये बिना वजन डाले नमी बनाए रखते हैं।
Pilgrim का Patuá Anti-Grey Hair Serum एक ऐसा ही हल्का और असरदार प्रोडक्ट है। इसमें मौजूद पतुá ऑयल बालों को पोषण देने के साथ-साथ शाइन और मज़बूती भी देता है — बिना किसी चिपचिपे रेज़िड्यू के।
7. लो पोरॉसिटी बालों की देखभाल में सबसे बड़ा राज़ है — लगातार एक सही रूटीन अपनाना।
चाहे बालों की कोई भी समस्या हो, सही और नियमित केयर से ही असली बदलाव आता है। खासकर लो पोरॉसिटी बालों के लिए ये और भी ज़रूरी है क्योंकि ये बाल नमी को सोखने में थोड़े कठिन होते हैं।
इसलिए अपने बालों के लिए एक हफ्ते भर का प्लान बनाएं — जिसमें नियमित रूप से हाइड्रेटिंग शैम्पू से बाल धोना, हल्का कंडीशनर लगाना, और कभी-कभार क्लैरिफाइंग ट्रिटमेंट देना शामिल हो। ये क्लैरिफाइंग प्रोडक्ट्स बालों पर जमा गंदगी और प्रोडक्ट बिल्ड-अप को हटाते हैं, जिससे बाल और भी स्वस्थ बने रहते हैं।
रूटीन में बदलाव या अचानक नए प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल बालों को झटका दे सकता है। इसलिए, धैर्य रखें और अपनी हेयर केयर का ध्यान नियमित रखें। धीरे-धीरे आपके बाल नमी को बेहतर तरीके से पकड़ने लगेंगे, मुलायम और चमकदार दिखने लगेंगे।
8. लो पोरॉसिटी बालों की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है — प्रोडक्ट बिल्डअप।
क्योंकि इन बालों की क्यूटिकल्स टाइट होती हैं, ये अक्सर लगाए गए प्रोडक्ट्स को अंदर जाने नहीं देते, बल्कि बालों की सतह पर ही जमा कर लेते हैं। इससे बाल भारी, डल और बेड़-शेप लगने लगते हैं।
इसलिए सबसे ज़रूरी है कि आप स्टाइलिंग प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल संयम से करें। जितना हो सके, कम प्रोडक्ट लगाएं और बालों को जरूरत से ज्यादा बोझिल न बनाएं।
साथ ही, महीने में कम से कम एक बार माइल्ड क्लैरिफाइंग शैम्पू का इस्तेमाल करें। ये शैम्पू बालों पर जमा गंदगी, प्रोडक्ट के अवशेष, प्रदूषण और हार्ड वॉटर के असर को साफ़ कर देते हैं। नतीजतन, बाल हल्के, साफ़ और ताज़ा महसूस होते हैं।
क्लैरिफाइंग शैम्पू बालों की क्यूटिकल्स को भी थोड़ा खोलने में मदद करता है, जिससे नमी और पोषण बेहतर ढंग से अंदर तक पहुंच पाते हैं।
तो, प्रोडक्ट बिल्डअप से बचने के लिए अपनी हेयर केयर रूटीन में क्लैरिफाइंग को जरूर शामिल करें — इससे आपके लो पोरॉसिटी बालों की खूबसूरती और सेहत बनी रहेगी।
9. बालों की देखभाल में पानी का तापमान एक बड़ा रोल निभाता है, खासकर लो पोरॉसिटी बालों के लिए।]
अक्सर ठंडे पानी से बाल धोने की सलाह दी जाती है ताकि बालों की क्यूटिकल्स बंद हो जाएं और बाल चमकदार दिखें। लेकिन लो पोरॉसिटी बालों के मामले में थोड़ी अलग रणनीति अपनानी चाहिए।
गर्म पानी बालों की क्यूटिकल्स को हल्का सा खोल देता है, जिससे कंडीशनर और मॉइस्चराइजिंग प्रोडक्ट्स बालों के अंदर बेहतर तरीके से घुस पाते हैं। इसका मतलब है कि बालों को नमी मिलने में आसानी होती है और वे ज्यादा हाइड्रेटेड रहते हैं।
कंडीशनिंग के बाद बालों को ठंडे पानी से धोना भी ज़रूरी है। ठंडा पानी क्यूटिकल्स को बंद कर देता है, जिससे बाल चिकने, मजबूत और शाइनी दिखते हैं। इस तरह गर्म पानी से शुरुआत करके और ठंडे पानी से फिनिश करके आप अपने लो पोरॉसिटी बालों की सेहत को दोगुना बढ़ा सकते हैं।
तो अगली बार जब बाल धोएं, तो इस तरीके को अपनाएं — पहले हल्का गरम पानी, फिर ठंडा पानी — और फर्क खुद महसूस करें।
10. लो पोरॉसिटी बालों के लिए मॉइस्चराइजेशन एक चुनौती हो सकती है, लेकिन स्टीमिंग एक बेहतरीन तरीका है इसे आसान बनाने का।
स्टीम बालों की क्यूटिकल्स को खुलने में मदद करता है जिससे बाल अंदर की तरफ नमी और पोषक तत्व बेहतर तरीके से सोख पाते हैं।
आप इसके लिए हेयर स्टीमर का इस्तेमाल कर सकते हैं जो खासतौर पर इस काम के लिए बनाया गया है। अगर आपके पास स्टीमर नहीं है, तो गर्म पानी से भरे शॉवर का लाभ उठाएं। शावर लेते वक्त अपने बालों पर कंडीशनर लगाएं और उसे गुनगुने भाप में कुछ मिनट के लिए छोड़ दें। भाप बालों को नमी प्रदान करती है और कंडीशनर के असर को दोगुना कर देती है।
स्टीमिंग से न केवल बालों की नमी बढ़ती है बल्कि ये बालों को मुलायम चमकदार और स्वस्थ भी बनाता है। खासकर लो पोरॉसिटी बालों के लिए ये तरीका प्राकृतिक नमी के स्तर को बनाए रखने में बेहद कारगर साबित होता है।
तो अगली बार जब बालों को पोषण देना हो तो स्टीमिंग को अपनी हेयर केयर रूटीन में जरूर शामिल करें।
निष्कर्ष:-
लो पोरॉसिटी बालों की देखभाल के लिए सही प्रोडक्ट्स चुनना बेहद जरूरी होता है। हल्के, पानी-आधारित और जल्दी अब्जॉर्ब होने वाले प्रोडक्ट्स आपके बालों को नमी और पोषण देने में मदद करते हैं बिना उन्हें भारी या चिपचिपा बनाए। साथ ही, सही तेलों और सीरम्स का इस्तेमाल बालों की चमक और मजबूती बढ़ाता है। ध्यान रखें कि बालों को जरूरत से ज्यादा प्रोटीन या हेवी बटर न दें, क्योंकि इससे बाल रूखे और झड़ने लग सकते हैं। नियमित रूप से बालों की सफाई और मॉइस्चराइजिंग करें, ताकि बाल स्वस्थ और खूबसूरत बने रहें।
अपने बालों के लिए सही प्रोडक्ट्स के साथ एक संतुलित और लगातार रूटीन अपनाएं, और आप देखेंगे कि आपके लो पोरॉसिटी बाल धीरे-धीरे नरम, चमकदार और अधिक मैनेजेबल हो जाएंगे। आखिरकार, बालों की सही देखभाल आपकी खूबसूरती और आत्मविश्वास का सबसे बड़ा हिस्सा है।
FAQ:-
लो पोरॉसिटी बालों के लिए सबसे अच्छे प्रोडक्ट्स कौन से होते हैं?
लो पोरॉसिटी बालों के लिए हल्के, वाटर-बेस्ड और जल्दी सोखने वाले प्रोडक्ट्स जैसे कि आर्गन ऑयल, जोजोबा ऑयल और Aloe Vera बेस्ड कंडीशनर सबसे अच्छे होते हैं। भारी तेल और क्रीम्स से बचना चाहिए।
क्या लो पोरॉसिटी बालों के लिए खास शैम्पू होते हैं?
हाँ, ऐसे शैम्पू चुनें जो माइल्ड हों और बालों में नमी बनाए रखें। क्लैरिफाइंग शैम्पू महीने में एक बार इस्तेमाल करना अच्छा रहता है ताकि बालों पर जमा प्रोडक्ट बिल्डअप साफ़ हो सके।
क्या लो पोरॉसिटी बालों को बार-बार प्रोटीन ट्रीटमेंट की जरूरत होती है?
नहीं, लो पोरॉसिटी बालों में पहले से ही क्यूटिकल्स टाइट होते हैं, इसलिए ज्यादा प्रोटीन से बाल कड़े और टूटने लग सकते हैं। हल्के प्रोटीन वाले प्रोडक्ट्स ही इस्तेमाल करें और बीच-बीच में दें।
क्या मुझे लो पोरॉसिटी बालों के लिए भारी तेल या बटर लगाना चाहिए?
नहीं, भारी तेल जैसे नारियल तेल या शीया बटर बालों को भारी और चिपचिपा कर सकते हैं। इसके बजाय आर्गन, ग्रेपसीड या जोजोबा जैसे हल्के तेल लगाएं।
बालों में नमी बनाए रखने के लिए कौन सा तरीका सबसे असरदार है?
लो पोरॉसिटी बालों में नमी बनाए रखने के लिए LOC मेथड (Liquid, Oil, Cream) अपनाना अच्छा रहता है। यह बालों को परत दर परत हाइड्रेट करता है और नमी लॉक करता है।
क्या लो पोरॉसिटी बालों के लिए स्टीमिंग फायदेमंद है?
जी हाँ, स्टीमिंग बालों की क्यूटिकल्स को खोलने और मॉइस्चराइजिंग प्रोडक्ट्स को अंदर जाने में मदद करता है। आप हेयर स्टीमर या गर्म पानी से भरे शॉवर का इस्तेमाल कर सकते हैं।